लोकेश मालवीय विशेष संवाददाता:
पिपरिया शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में यू तो विद्यार्थियों के ड्रेसकोड जारी कर प्रबंधन ने कॉलेज परिसर में बाहरी युवको के प्रवेश व मजनुओं की एन्ट्री पर रोक लगाने का प्रयास किया तो है लेकिन महाविद्यालय में क्या वाकई असमाजिक तत्वों,मजनुओं ओर बाहरी लोगो के प्रवेश पर रोक लग पा रही है तस्वीरें साफ बयाँ कर रही है
पुलिस प्रशासन को महाविद्यालयो के लगने ओर छूटने के समय तैनाती के आदेश तो कर दिए गये लेकिन अंदर स्टूडेंट्स के भेष में घूम रहे इन रंगबिरंगे लोगों को रोकने का जिम्मा पुलिस का कैसे हो सकता है ।जबकि मुख्यद्वार पर गार्ड की बाजी तैनाती रहती है ।कॉलेज परिसर में विद्यार्थियों को ड्रेस पर आना अनिवार्य है, तो बिना ड्रेस वालों के प्रवेश पर भी कॉलेज प्रबंधन को पूर्ण प्रतिबंध लगाना चाहिए । हो सकता है कॉलेज परिसर में छात्र छात्राओं के परिजन आदि भी फीस सम्बंधित कार्यो के चलते कॉलेज में आतेजाते हो लेकिन प्रबंधन को इनसे भी प्रवेश व स्वयम के सम्बंधित सत्यपित जानकारियां लेना जिम्मेदारी बनती है । क्योंकि ये लोग फीस् काउन्टर को छोड़ पोरे कॉलेज परिसर में भ्रमण करते देखे का सकते हैं । फिलहाल इस विषय पर किसीका ध्यान नही है । कोई अप्रिय घटना हुई तो ठीकरा पुलिस पर फोड़ना लाजमी है ।