होशंगाबाद जिले में औसत से कम तथा अल्पवर्षा के कारण भू जलस्त्रोतों में पर्याप्त जल संचित नहीं है। पेयजल में उपयोग सिंचाई तथा अन्य कार्यों में लगातार उपयोग के कारण भू जलस्तर तेजी से नीचे गिर रहा है। इससे ग्रीष्म काल में जिले में पेयजल संकट हो सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी अविनाश लवानिया ने होशंगाबाद जिले को जल अभाव ग्रस्त घोषित कर दिया है। उन्होंने जिले में निजी नवीन नलकूपों के खनन पर प्रतिबंध के आदेश दिये हैं। यह आदेश म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम के तहत जारी किया गया है। यह आदेश जिले के सभी शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 15 जुलाई 2018 तक लागू रहेगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार जिले के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों को जल अभाव ग्रस्त घोषित किया गया है। प्रतिबंध की अवधि में पूरे जिले में निजी नलकूप खनन पर प्रतिबंध लगाया गया है। सक्षम प्राधिकारी एसडीएम की अनुमति के बिना बोरिंग मशीन जिले अथवा अनुभाग में प्रवेश नही कर सकेंगी। किंतु सार्वजनिक मार्गों से गुजरने पर प्रतिबंध नहीं होगा। विशेष परिस्थितियों तथा समुचित कारण होने पर एसडीएम नलकूप खनन की अनुमति दे सकेंगे। प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 9 के अनुसार 2 वर्ष तक के कारावास, 2 हजार रूपए जुर्माना अथवा दोनों सजाओं से दंडित किया जा सकता है।
लोकेश मालवीय होशंगाबाद। होशंगाबाद जिले में औसत से कम तथा अल्पवर्षा के कारण भू जलस्त्रोतों में पर्याप्त जल संचित नहीं है। पेयजल में उपयोग सिंचाई तथा अन्य कार्यों में लगातार उपयोग के कारण भू जलस्तर तेजी से नीचे गिर रहा है। इससे ग्रीष्म काल में जिले में पेयजल संकट हो सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी अविनाश लवानिया ने होशंगाबाद जिले को जल अभाव ग्रस्त घोषित कर दिया है। उन्होंने जिले में निजी नवीन नलकूपों के खनन पर प्रतिबंध के आदेश दिये हैं। यह आदेश म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम के तहत जारी किया गया है। यह आदेश जिले के सभी शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 15 जुलाई 2018 तक लागू रहेगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार जिले के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों को जल अभाव ग्रस्त घोषित किया गया है। प्रतिबंध की अवधि में पूरे जिले में निजी नलकूप खनन पर प्रतिबंध लगाया गया है। सक्षम प्राधिकारी एसडीएम की अनुमति के बिना बोरिंग मशीन जिले अथवा अनुभाग में प्रवेश नही कर सकेंगी। किंतु सार्वजनिक मार्गों से गुजरने पर प्रतिबंध नहीं होगा। विशेष परिस्थितियों तथा समुचित कारण होने पर एसडीएम नलकूप खनन की अनुमति दे सकेंगे। प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 9 के अनुसार 2 वर्ष तक के कारावास, 2 हजार रूपए जुर्माना अथवा दोनों सजाओं से दंडित किया जा सकता है।