- संदीप मेहरा -विशेष संबाददाता
होशंगाबाद पिपरिया। हम बात कर रहे पिपरिया शहर में स्थित पचमढ़ी रोड पर 1952 बने अर्द्ध शासकीय हायरसेकंडरी स्कूल जयहिंद आदर्श विद्यालय की इस स्कूल में पढ़ें क्षेत्रीय विधायक ठाकुरदास नागवशी सहित बड़े बड़े नेता हो या बड़े बड़े आईपीएस अधिकारी और कई है जो देशभक्ति की सेवा दे रहे है
एक समय ऐसा था जब स्कूल में 3000 छात्र छात्राए पढ़ा करते थे और जिस स्कूल में खेल उचाईयां छूते नजर आया करते थे उसी स्कूल के 24 ऐसे टीचर्स थे जो आज देखने नही मिलेंगे
इतने विशेष शिक्षक जो कि हिंदी विशेषज्ञ ,भूगोल विशेषज्ञ ,गणित विशेषज्ञ , ग्रामर विशेषज्ञ आदि जो की सिर्फ किताबो को इस प्रकार स्मरण करा दिया करते थे कि परिक्षाबोध,उत्तर पुस्तिकाओं को पढ़ने की आवयश्कता ही नही होती थी।
आज उसी स्कूल में मात्र 4 टीचर्स बचे है और सिर्फ 200 बच्चे और जो बचें टीचर्स है उन्हें 1500 रु तनखा मिल रही है जो कि कलेक्टर रेट से भी कम हैं। इससे बड़ी विडंबना और क्या होगी कि इस प्रकार के टीचरों की ये हालात है।कुछ पुराने टीचरो ने पगार बढ़ने की उम्मीद में वर्षो काट दिए।
यदि हम स्कूल की दशा पर एक दृष्टि डाले तो इसकी हालत झरझर भवन ,या ऐसा कहे कि झुग्गी झोपड़ी जैसी हो चुकी है।छत पर कबेलू नही है।बरसात का पानी बच्चो के साथ अटखेलिया करता रहता है।इसकी लैब का सारा सामान खराब हो चुका हैं।
अब यदि इस स्कूल को सरकार ने ध्यान नही दिया तो जिसने जो जमीन दान में दी वह वापस ले सकता है या उसे नगर पालिका परिषद अधिग्रहण कर सकता है
बोलता शब्द द्वारा सरकार से विनम्र निवेदन हैं की इस अर्द्ध शासकीय स्कूल को सरकार शासकीय स्कूल घोषित करे ताकि एक बड़ा शासकीय गर्ल्स स्कूल खुल सके ताकि कभी मामा की बेटियाँ को पटरी पार न करना पड़े अब देखना ये है कि बोलता शब्द की पहल के बाद सरकार कब जागती है ।