लोकेश मालवीय विशेष संवाददाता:

वृंदावन: दुर्गावाहिनी स्वरूप ओर वर्तमान गौवंशो की दशा पर गौसेवार्थ अपना जीवन समर्पित कर चुकी परमपूज्य साध्वी वृन्दा मयूरीजी वृंदावन धाम ने अपने वक्तव्य में हिन्दू,हिंदुत्व ओर सनातनी संस्कृति पर हो रहे ढोंग का पटाक्षेप कर तीखे स्वर में निंदा करते हुए कहा कि हिन्दू हिंदुत्व की रक्षा तो क्या धर्म किहि रक्षा करने में आज असहाय दिख रहा है । सनातनी सभ्यताओं ओर धर्म शास्त्रों में वीर वीरांगनाओं की कथाओं का बखान करने के स्थान पर आज अवतरित भगवानों के सिर्फ बाल लीलाएं देखी सुनी कही जा रही हैं तो हिन्दू अपने धर्म की रक्षा के लिए कैसे जाग्रत होंगे । साध्वी वृंदा मयूरी जी के वक्तव्य के कुछ अंश नीचे प्रस्तुत हैं ।

🍁मस्तक पर लम्बा तिलक ,ऊंची छोटी ,भगवा वस्त्र ,और हर हर महादेव व जय श्री राम का जयकारा ।*
*यही पहचान है आज के हिंदुत्व की*
*🍁किन्तु क्या यही वास्तविक हिंदुत्व हे ,यह तो प्रतिक मात्र है ।हमारे धर्म में अधिकतर लोगो ने हिंदुत्व व धर्म को सिर्फ पूजा पाठ और कर्मकांड तक ही सिमित किसने कर दिया और कब कब में यह हो गया पता ही नही चला ।*
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*कई लोग तो यहां तक तर्क देते हैं की हमे शांति के अलावा प्रेम के अलावा और कोई बात तक नही करनी है ।*
*🍁हमारे धर्म गुरुओ ने प्रवचन में वीरता के प्रसंगों को गायब कर दिया ।*
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*रामकथा सिर्फ राम वनवास तक सिमित हो गयी ।*
*कृष्ण कथा सिर्फ रासलीला माखनचोरी और विरह प्रसंग तक सिमित होगयी ।*
*यहां सुदामा की झांकी तो दिखाई जाती हे किन्तु कंस वध और महाभारत प्रसंग या तो गायव हो गए या छुप गए ।*
*🍁भगवान श्री राम के वन गमन का वास्तविक कारण कोई क्यों नही बताता और केकयी को दोषी ठहराने के कितने प्रसंग सुनाते हैं ?*
*🍁श्री कृष्ण द्वारा चुन चुन कर अत्याचारियो को समाप्त करना क्यों नही सुनाते जबकि उद्धव गोपी सम्वाद और महारास पर तरह तरह के वर्णन किये जाते हैं ।*
*🍁गीता के उपदेश को भूलकर प्रेम प्रसंगों में रूचि रखने वाले ये कैसी भक्ति करते हैं और चरित्र की जगह चित्र का अनुसरण करके धर्म को कहाँ से कहाँ पहुंचाया है इन तथाकथित भक्तो ने ।*
*🍁लगातार शान्ति की बात करते करते हम कहाँ से कहाँ सिमट गए हे ।आज जरूरत हे जागने की ।राम जी के आदर्शो की श्री कृष्ण के गीता उपदेश की ।*
*युवा शक्ति हो या मात्र शक्ति धर्म के वास्तविक स्वरूप को जानो ।