भोपाल, मंगलवार, 29 मई 2018 । मध्यप्रदेश सरकार के प्रवक्ता व जलसंसाधन, संसदीय कार्य और जनसम्पर्क मंत्रीजी डॉ नरोत्तम मिश्र जी ने मध्यप्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आज मंगलवार 29 मई 2018 को मंत्रिपरिषद ने संविदा कर्मचारियों की जिंदगी बदलने वाले निर्णय लिए हैं। निर्णय के अनुसार सभी विभागों के अनुमोदित प्रशासकीय सेटअप में संविदा नियुक्ति के लिए जो पद चिन्हित हैं उन्हें चरणबद्ध तरीके से नियमित पदों में परिवर्तित किया जाएगा। इसी तरह इस नीति के तहत राज्य के सभी विभागों और राष्ट्रीय कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए गठित स्पेशल परपस व्हीकल्स, मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद, राज्य/जिला समिति, मध्यप्रदेश सर्व शिक्षा अभियान मिशन के अंतर्गत संविदा कर्मचारियों के लिए लाभकारी प्रावधान किए गए हैं। प्रत्येक विभाग के भरती किए जाने वालों पदों में आगामी तीन वर्ष तक 20 प्रतिशत पद संविदा पर नियुक्त अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए आरक्षित रहेंगे। इसका लाभ उन संविदा सेवकों को मिलेगा जो सीधी भरती के रिक्त पद पर जिस श्रेणी में न्यूनतम पांच वर्ष तक नियुक्त रहा हो। संविदा पर कार्यरत सेवकों को ई.पी.एफ. और राष्ट्रीय पेंशन का लाभ यदि नहीं मिल रहा है तो उन्हें राष्ट्रीय पेंशन योजना का लाभ दिया जाएगा। यही नहीं 13 दिन का आकस्मिक अवकाश, 15 दिन अर्जित अवकाश तथा 10 दिन का लघुकृत अवकाश भी मिलेगा।
वेतन विसंगति के संबंध में अनुशंसाओं पर आज उपयंत्री, वाणिज्यिकर निरीक्षक एवं कराधान सहायक, पुलिस विभाग के सहायक उप निरीक्षक एवं प्रधान आरक्षक, राजस्व निरीक्षक, कम्पाउण्डर, मंत्रालय के अनुभाग अधिकारी एवं निज सचिव, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी, उप जेलर, नापतौल निरीक्षक, उपपंजीयक आदि के ग्रेड वेतन में निर्णय लिया गया। वेतनमान संबंधी शेष मांगों पर विचार के लिए अपर मुख्य सचिव वित्त की अध्यक्षता समिति की गठन किया गया है। आज निर्णय से लगभग 50 हजार शासकीय सेवक लाभान्वित होंगे। वन कर्मचारी हड़ताल पर हैं, इस कारण इनके विषय में निर्णय स्थगित रखा गया। निर्णय दिनांक 01.01.16 से लागू होगा। दिनांक 01.01.16 से दिनांक 30.06.18 तक देय लाभ काल्पनिक रहेगा तथा वास्तविक लाभ दिनांक 01.07.2018 (अगस्त 2018 में देय तक) से देय होगा।
मंत्रिपरिषद ने आज एक महत्वपूर्ण निर्णय में मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) भरती नियम 2018 के तहत नवगठित सेवा अधीन क्रमश: प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक करते हुए यह सेवा 01 जुलाई 2018 से प्रभावशील करने का निर्णय लिया। निर्णय के अनुसार 224 सामुदायिक एवं 89 जनजातीय विकासखण्डों में स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग की शैक्षणिक संस्थाओं में कार्यरत अध्यापक संवर्ग की सेवाओं का शिक्षा विभाग में संविलियन करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने पूर्व में इस संबंध में निर्देश दिए थे कि सभी अध्यापकों का संविलियन शिक्षा विभाग में किया जाएगा। प्रदेश के दो लाख 37 हजार अध्यापक इस ऐतिहासिक निर्णय से लाभान्वित होंगे। इनमें स्थानीय निकायों द्वारा नियुक्त और वर्तमान में कार्यरत लगभग एक लाख 84 हजार स्कूल शिक्षा िवभाग के हैं। इसी तरह 53 हजार अध्यापक जनजातीय कार्य विभाग के हैं।
उच्च शिक्षा के विभाग के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय में प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक क्रीड़ा अधिकारी और ग्रंथपाल के स्वीकृत और रिक्त पदों पर अतिथि विद्वानों को प्रति दिवस 1500 रूपये का मानदेय देने का निर्णय लिया गया।
मंत्रि परिषद ने आज हीरा परिचालन निधि नियम-2000 के नियम-4 और 11 के स्थान पर नवीन नियम प्रतिस्थापित करने और प्रस्तावित संशोधन का निर्णय लिया।
मंत्रि परिषद ने आज एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लि. को विद्यमान जनरेटरों एवं नवीन संयंत्र के लिए बैंकों से साख सुविधा के लिए एक हजार करोड़ के लिए प्रशासकीय प्रत्याभूति प्रदान करने का निर्णय लिया।
राष्ट्रीय विकास परिषद (एन.डी.सी.) द्वारा पारित संकल्प के अन्तर्गत वर्ष 2007-08 से केन्द्रीय प्रायोजित स्कीम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन शुरू किया गया है। इस योजना के तीन वित्त वर्ष निरंतर संचालित करने का निर्णय लिया गया।
किसान कल्याण तथा कृषि विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय कृषि विकास योजना को वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक निरंतर संचालित किए जाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए कुल 1250 करोड़ रुपए की राशि के प्रावधान का अनुमोदन किया गया। कृषि विभाग के ही अंतर्गत नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेवल एग्रीकल्चर अंतर्गत स्वाइल हेल्थ कार्ड योजना भी वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक निरंतर रखे जाने की मंजूरी आज कैबिनेट द्वारा दी गई। इस उद्देश्य से 11320.92 लाख रुपए का अनुमोदन किया गया।
सहकारिता विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक द्वारा नाबार्ड के ऋणों की अदायगी में दिक्कत के कारण नाबार्ड से 30 अप्रैल 2012 को एक मुश्त समझौता योजना के लिए करारनामा किया गया। इसके अनुसार योजना को निरंतर रखने और शेष किश्तों के भुगतान के लिए सहकारिता विभाग के बजट में आवश्यक प्रावधान का फैसला लिया गया।
सहकारिता विभाग के अंतर्गत प्राकृतिक आपदा से प्रभावित कृषकों को राहत देने के लिए अल्पकालीन ऋणों को मध्यकालीन ऋणों में परिवर्तित करने के लिए राज्य शासन का अंशदान (7827) योजना को आगामी वर्षों में निरंतर रखे जाने का निर्णय आज कैबिनेट द्वारा लिया गया। इसके लिए आवश्यकतानुसार प्रावधान भी सहकारिता विभाग के बजट में किया गया। इसी विभाग के एक अन्य एजेण्डा में वर्ष 2018-19 में भी प्रदेश के सहकारी बैंकों से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि कृषि ऋण दिये जाने की गत वर्ष 2017-18 में लागू योजना को निरंतर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गई। योजना के अंतर्गत बेस रेट पहले के सालों की तरह 11 प्रतिशत तथा खरीफ 2018 सीजन के लिए डियू डेट 28 मार्च 2019 रखने पर सहमति हुई। योजना को भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप क्रियान्वित किया जाएगा।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत राज्य बीमारी सहायता निधि योजना के पात्र परिवारों की श्रेणी में असंगठित श्रमिक संवर्ग को जोड़े जाने के निर्णय दि. 4.5.2018 का मंत्रि परिषद द्वारा अनुसमर्थन किया गया। इस निर्णय से 50 लाख अतिरिक्त परिवारों को शामिल किया जा सकेगा।
मंत्रि परिषद ने आज लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत राज्य बीमारी सहायता निधि योजना के पात्र परिवारों की श्रेणी में असंगठित श्रमिक संवर्ग को जोड़े जाने के 4 मई 2018 के निर्णय का अनुसमर्थन किया। निर्णय के अनुसार योजना में पात्र परिवारों की श्रेणी में शिल्पकार और हस्तशिल्प कारीगर, सामाजिक सुरक्षा योजना के पेंशनर्स, वनाधिकार प्राप्त पट्टाधारी और बीड़ी श्रमिक जोड़े गए है। योजना में चिन्हित बीमारी के उपचार के लिए अधिकतम 2 लाख रुपए की राशि की पात्रता होती है।
नगरीय विकास एवं आवास विकास विभाग के अंतर्गत राजधानी परियोजना प्रशासन भोपाल के विभिन्न कार्यक्रमों, योजनाओं और परियोजनाओं का अनुमोदन किया गया। नवीन सुविधाओं से नगरीय क्षेत्रों में बड़ी आबादी को लाभ मिलेगा।
स्कूल विभाग के अंतर्गत जिन शिक्षाकर्मी वर्ग-2 (उद्योग) से अध्यापक के पद पर संविलियत किए गए है, उन्हें पद उपलब्ध होने पर वरिष्ठता होने पर वरिष्ठ अध्यापक के पद पर पदोन्नति देने का निर्णय लिया गया। ऐसे अध्यापकों को अन्य अर्हताओं की पूर्ति करने के अतिरिक्त जिस विषय में पीजी उपाधि अर्जित की गई है, उस विषय के वरिष्ठ अध्यापक के रिक्त पद पर पदोन्नति प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास के अंतर्गत विभागीय योजनाओं के सुचारू संचालन के लिए 17 अस्थायी एवं कंटेजेंसी के पदों की 31 मार्च 2020 तक निरंतरता की मंजूरी दी गई।
पशुपालन विभाग विभाग के अंतर्गत गोकुल महोत्सव योजना निरंतर रखे जाने का निर्णय लिया गया। योजना में पशु प्रदर्शनी योजना समाहित कर दोनों योजनाओं को तीन वित्त वर्ष में लागू करने का निर्णय लिया गया।
उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत तीन नवीन शासकीय महाविद्यालयों के लिए 144 शैक्षणिक और 75 अशैक्षणिक कुल 219 पदों के सृजन की मंजूरी प्रदान की गई। महाविद्यलयों में नवीन कक्षाओं और नवीन संकाय शुरू करने की आवश्यकता को देखते हुए इन पदों का सृजन आवश्यक है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत डिजीटल एवं मेक इन इंडिया युग की परिकल्पना को साकार करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स मेन्युफैक्चरिंग क्लस्टर योजना को निरंतर जारी रखने की सहमति प्रदान की गई।
संसदीय कार्य विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश विधानसभा की स्थापना में 31 नए पदों के सृजन की मंजूरी दी गई। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत चिकित्सा महाविद्यालय रीवा के आवासीय भवन और परिसर निर्माण के लिए 4.59 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। इसी तरह चिकित्सा महाविद्यालय विदिशा के भवन और परिसर के निर्माण के लिए पूर्व की लागत 265.19 करोड़ रुपए को बढ़ाते हुए 355.95 करोड़ रुपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय मंजूरी प्रदान की गईं।