किसान मोर्चा किसानों तक पहुंचाएगा प्रधानमंत्री का संदेश : चौधरी दर्शन सिंह

शून्य बजट पर प्राकृतिक खेती देश को आत्मनिर्भर व खेती को जहरमुक्त बनाने का प्रयास

देश का किसान मूलतः परम्परागत खेती पर विश्वास करता था, परंतु अधिक उत्पादन लेने की होड में रासायनिक खादों का अत्यधिक उपयोग होने लगा है। निःसदेह उत्पादन बढा है, किन्तु जमीन की उर्वरा शक्ति निरंतर घटती जा रही है, तथा रासायनिक खाद के उपयोग से उत्पन्न अनाज की वजह से तरह- तरह की बीमारियां हो रही है , तथा खेती की लागत भी अत्यधिक बढ गई है। छोटे और मंझोले किसानों के लिऐ परेशानी का कारण बन गया है। इसी वजह से छोटे मझोले किसान कर्ज के बोझ तले दबते चले जा रहे है। केन्द्र और राज्य सरकार ने इस संबध में पारम्परिक जैविक खेती का रकबा बढाने का प्रयास प्रारंभ कर दिया है। सरकार खेती को लाभ का धंधा बनाने, उसे पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए अनुकूल बनाने के उद्देश्य से लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में जैविक, प्राकृतिक खेती के विकास को लेकर गुजरात के आणंद में किसानों और वैज्ञानिकों का तीन दिवसीय सेमिनार आयोजित किया जा रहा है। सेमिनार के अंतिम दिन 16 दिसम्बर को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी किसानों, वैज्ञानिकों से सीधा संवाद करेंगे। मध्यप्रदेश किसान मोर्चा द्वारा प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम को पूरे प्रदेश में प्रसारित किया जाएगा। पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री दर्शनसिंह चौधरी ने दी जानकारी ।
श्री चौधरी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों की नीतियों ने खेती को अलाभकारी बनाया, खेती आज न सिर्फ खर्चीली हो गई है, बल्कि अत्यधिक रसायनों के प्रयोग के चलते जहरीली भी होती जा रही है। उन्होंने कहा कि 1951 में पहली पंचवर्षीय योजना के दौरान ही पं. जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने उद्योगों पर जोर देकर कृषि और किसानों पर कुठाराघात कर दिया था। खेती के अलाभकारी होने का ही परिणाम था कि देश के किसान का खेती से पलायन आरंभ हो गया था। इस स्थिति का वर्णन पूर्व राष्ट्रपति स्व. डॉ. कलाम ने भी अपनी किताब में किया है को देश के किसान का बेटा किसान नही बनना चाह रहा। श्री चौधरी ने कहा कि इस स्थिति को समझते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने काम संभालते ही कदम उठाना शुरू कर दिए हैं। श्री चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का जोर प्राकृतिक, जैविक खेती के माध्यम से देश को आत्मनिर्भर बनाना है। इसी उद्देश्य से गुजरात के आणंद उन्नत कृषकों, कृषि वैज्ञानिकों, प्रोफेसर्स का एक सेमिनार 14 से 16 दिसम्बर तक आयोजित किया जा रहा है। सेमिनार के अंतिम दिन 16 दिसम्बर को गुजरात के मुख्यमंत्री, राज्यपाल, केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह एवं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सेमिनार में भाग लेंगे।
किसान मोर्चा मध्यप्रदेश में किसानों तक सेमिनार के निष्कर्ष, प्रधानमंत्री का संदेश पहुंचाएगा । श्री चौधरी ने कहा कि सेमिनार के अंतिम दिन 16 दिसम्बर को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी किसानों, वैज्ञानिकों से संवाद करेंगे। उनके संदेश को प्रदेश के किसानों तक पहुंचाने के लिए किसान मोर्चा प्रदेश के समस्त 1070 संगठनात्मक मंडल, प्रदेश की प्रत्येक मंडी और कृषि विज्ञान केंद्र में बड़ी स्क्रीन पर प्रसारण की व्यवस्था कर रहा है। इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों के अग्रणी और उन्नत किसानों को आमंत्रित किया जाएगा। पार्टी के मंत्री, सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि किसानों के साथ इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम सुबह 10 बजे से प्रारंभ होगा, जिसके पहले सत्र में आणंद में आयोजित सेमिनार के निष्कर्ष प्रस्तुत किए जाएंगे। इसके उपरांत प्रधानमंत्री जी किसानों को संबोधित करेंगे।