अनोखी गाय जो शवयात्रा में होती है शामिल
*मातमी धुन सुनते ही पहुंच जाती है मृतक के घर*
सिवनी – आपने परिवार में किसी की मृत्यु होने पर रिश्तेदार पड़ोसियों को अंतिम यात्रा में सम्मिलित होते देखा गया है, किन्तु मध्यप्रदेश के सिवनी जिला मुख्यालय के कबीर वार्ड डूंडा सिवनी में एक अनोखी गाय है जो बैंड शहनाई की मातमी धुन सुनते ही मृतक के घर पहुंच जाती है। स्थानीय नागरिकों ने बताया कि यह गौमाता डुंडा सिवनी में ही निवास करती है, शव यात्रा के आगे आगे चलते हुए यह मूक पशु मोक्ष धाम तक एक आम इंसान की तरह मौजूद रहती है।
आश्चर्यजनक बात यह है कि किसी सामान्य व्यक्ति की तरह दुखी होकर आंसू बहाती हुई शवयात्रा में शामिल होती है और अंतिम संस्कार के दौरान कपाल क्रिया की रस्म के बाद आमजनों की तरह चिता की परिक्रमा भी करती है. मृतक परिवार को ढांढस बधाने की परंपरा अनुसार मोक्षधाम से वापस मृतक के घर जाते हैं, उस समय भी यह गाय सभी लोगों के साथ मृतक परिवार के द्वार तक जाती है. बीते दो-ढाई साल से डूंडा सिवनी के किसी भी परिवार में मृत्यु होने पर सबसे पहले यह गाय पहुंचती है, बाद में मृतक के रिश्तेदार- पड़ोसी पहुंचते हैं. इस संबंध में रमेश ढीमर, गाय मालिक, डूंडा सिवनी निवासी ने बताया की मैंने कोहका ग्राम निवासी रिश्तेदार के यहां से एक बछिया ली थी.अब बड़ी होकर विगत दो वर्षों से डूंडा सिवनी के मृतकों के घर जाने, शवयात्रा में शामिल होने जैसे अनोखे आचरण दिखा रही है। वही आशीष त्रिवेदी ने बताया की मैं मोक्षधाम के समीप ही रहता हूं। गत 10 जून को श्याम तिवारी के अंतिम संस्कार के दौरान भी गाय पूरे समय उपस्थित रही. पूर्व में क्षेत्र के अन्य मृतकों के प्रति भी गाय का ऐसा ही क्रियाकलाप रहा। व्दारका नगर, किदवई वार्ड, सिवनी निवासी पण्डित प्रशांत तिवारी ने बताया की मूक प्राणियों में भी मानवीय संवेदना का ज्वलंत उदाहरण नंदीकेश्वर धाम डूंडा सिवनी में देखने को मिला है जहा गौ माता, प्रत्येक अर्थी के आगे आगे शव यात्रा में चलते हुए मोक्ष धाम तक आवश्यक रूप से जाती है।
प्रशांत श्रीवास्तव की रिपोर्ट